मंगलवार, 1 अगस्त 2023

हुज़ूर


हुज़ूर को पसंद है, 

संप्रभुता आत्मप्रशंसा की अपनी, 

नजरों को उनकी ढक दे,

चाटुकारिता से इस कदर अपनी

गदगद हो जाए मन, 

हृदय हो उठे प्रफुल्लित 

मक्कारी को तू और बुलंद करदे,

तेरा ना किया भी, हो जाए किया तेरा 

कामचोरी की वो अब इबारत लिख दे तेरी,

हुज़ूर मूल्यांकन कर ही देंगे,

तू स्वमुल्यांकन तो कर ही ले तेरा, 

है जुड़ी आजीविका तेरी

कुछ तो न्याय अब इस कर्म से कर दे तेरा!!!


द्वारा: T.K.












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