एक छोटे से घर में एक छोटा सा परिवार रहता है।
ना चाहकर भी कहना कुछ बहुत कुछ कह जाता है।।
सपने देखता है पूरा करने की कोशिश करता है।
ना पूरा होने पर दिल में दबाये रह जाता है।।
बीमारी से तड़पता है दुआओं से ठीक होता है।
मेहनत करके दुनिया में जीये जाता है।।
सुखों की ख्वाहिश करता है और गम सहे जाता है।
अमीरी को निहारता हैं और गरीबी में जिए जाता है।।
दिनभर आग की भट्टी में तपता है,
रात को थक कर सो जाता है।।
एक छोटे से घर में एक छोटा सा परिवार रहता है।
ना चाहकर भी कहना कुछ बहुत कुछ कह जाता है।।
टायसन कुशवाह
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें